Phir Aayi Hasseen Dillruba (2024) Movie Explained In Hindi
जो प्यार पागलपन की हद तक ना पहुंचे, वह प्यार ही क्या? प्यार का असली मतलब तो वही है जो हमें होशो-हवास से बाहर कर दे, रिश्ते तो होश में भी निभाए जा सकते हैं। लेकिन जब बात प्यार की हो, तो इसे जीना पड़ता है, उस शिद्दत से जो इसे हद से पार कर दे। एक ऐसी ही जुनून भरी कहानी लेकर फिर से हाजिर हुई है हमारी हसीन दिलरूबा।
पिछली बार जब उसने दस्तक दी थी, तो एक दीवाने आशिक नील को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, और दूसरे आशिक और पति ऋषभ सक्सेना उर्फ ऋषु को अपना हाथ खोना पड़ा। आज हम आपको इसी हसीन दिलरूबा की दूसरी कहानी का एक्सप्लनेशन देंगे। आइए, शुरू करते हैं इस नई कहानी की यात्रा और इसके रहस्यमय मोड़ों को समझने का सफर।
कहानी की शुरुआत होती है रानी से, जो भारी बारिश में दौड़ती हुई पुलिस स्टेशन पहुंचती है। वह हड़बड़ाहट में पुलिस को बताती है कि उसका पति उसे मार डालने वाला है और उन्हें उसे तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए। इस घटनाक्रम के बाद कहानी दो महीने पीछे जाती है, जहां एक न्यूज़ फ्लैश में बताया जाता है कि आगरा में यमुना नदी में खूनी मगरमच्छ घूम रहे हैं।
अगले ही दृश्य में हम अभिमन्यु नामक व्यक्ति से मिलते हैं, जो पेशे से एक कंपाउंडर है और अपने मरीज का इलाज करने के लिए आया था। रानी और अभिमन्यु एक ही घर में रहते हैं। थोड़ी देर बाद रानी अपने ब्यूटी पार्लर में बिजी हो जाती है, लेकिन अभिमन्यु उसकी तरफ ध्यान देता रहता है। वह रानी को पसंद करता है
और किसी ना किसी बहाने से उसे देखने आता रहता है। एक दिन वह उसके पार्लर में उसकी छोड़ी हुई फेस डमी को लौटाने जाता है, लेकिन उसकी स्थिति देखकर रानी उसे थैंक यू कहती है और बाद में बात करने का वादा करती है।
अभिमन्यु बाहर बैठा बारिश में भी उसका इंतजार करता है। जब रानी उसे इस तरह देखती है, तो वह उसके पास जाती है और अभिमन्यु उससे मूवी देखने का प्रस्ताव रखता है। रानी हामी भर देती है, और इसी दौरान ऋषु भैया की एंट्री होती है।
ऋषु, जो पहले अपना प्यार बचाने के लिए अपना हाथ कटवा चुका था, अब पुलिस की नजरों से बचकर रानी के साथ शहर छोड़कर आगरा में छुपा हुआ है। वे दोनों अपनी पहचान छिपाकर एक नई जिंदगी जी रहे हैं, और उनकी योजना है कि वे जल्द से जल्द थाईलैंड भाग जाएं।
ऋषु ट्रैवल एजेंट गुड्डू से मिलकर सब कुछ सेट कर लेता है। गुड्डू उन्हें दो महीनों में थाईलैंड पहुंचाने का वादा करता है। लेकिन ऋषु के घर की मकान मालकिन पूनम ऋषु से प्यार करती है और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करती है। ऋषु उसे नजरअंदाज करने की कोशिश करता है
और इस बीच, वह रानी से मिलता है और उसे गुड्डू के बारे में बताता है। रानी, अभिमन्यु के बारे में ऋषु को बताती है कि वह उससे बेहद प्यार करता है।
फ्राइडे को, अभिमन्यु ने रानी के साथ मूवी देखने की योजना बनाई थी और थिएटर के बाहर उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। लेकिन रानी नहीं आती। वह दरअसल ऋषु के साथ खुशियां मना रही थी। अभिमन्यु का इंतजार करते-करते वक्त बीत जाता है, लेकिन जब रानी नहीं आती तो वह रानी के घर पहुंच जाता है। रानी उससे माफी मांगती है, और अगली बार फिर से साथ मूवी देखने का वादा करती है।
रानी और ऋषु मार्केट में मिलते हैं और रानी उसे सारी बातें बताती है। इसी दौरान एक चोर रानी का पर्स छीनकर भाग जाता है, और ऋषु उसका पीछा करता है। लेकिन बीच में पुलिस देख कर ऋषु भाग जाता है।
पुलिस इंस्पेक्टर किशोर चोर को पकड़ कर रानी का पर्स लौटाने आता है, लेकिन उसे शक हो जाता है कि ऋषु जिंदा है और आगरा में है। वह रानी का पीछा करने लगता है, और ऋषु पुलिस से बचने के लिए अपना सिम तोड़ देता है।
ऋषु और रानी के लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं, और रानी को पुलिस स्टेशन बुला लिया जाता है। इंस्पेक्टर किशोर उससे सवाल-जवाब करता है और उसकी कॉल हिस्ट्री चेक करता है। इसी दौरान केस में नए पुलिस ऑफिसर मृत्युंजय की एंट्री होती है, जो नील का चाचा है। वह रानी को चेतावनी देता है कि अब यह मामला पर्सनल हो चुका है और वह ऋषु को किसी भी हालत में पकड़ लेगा।
पुलिस ऋषु के आसपास के इलाकों में उसकी तलाश तेज कर देती है। ऋषु को इस बात का पता चल जाता है और उसे महसूस होता है कि उनके पास समय कम है। वह रानी के पास जाता है और उसे बताता है कि ट्रैवल एजेंट गुड्डू को पुलिस ने पकड़ लिया है और उनका थाईलैंड भागने का प्लान अब फेल हो चुका है। वह सरेंडर करने का विचार करता है, लेकिन तभी रानी को एक योजना सूझती है।
अगले फ्राइडे को रानी अभिमन्यु के साथ फिल्म देखने जाती है और उसे शादी के लिए प्रपोज करती है। अभिमन्यु हैरान रह जाता है, लेकिन वह रानी के प्यार में इतना डूबा होता है कि वह शादी के लिए मान जाता है। हालांकि, यह ऋषु को बिल्कुल भी पसंद नहीं आता, लेकिन वह रानी की बात मानता है। तीन दिन बाद रानी और अभिमन्यु की शादी हो जाती है।
शादी की रात अभिमन्यु रानी के करीब आने की कोशिश करता है, लेकिन रानी उससे कहती है कि वह अभी तक ऋषु को नहीं भूल पाई है और इसीलिए वह अभी कोई शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहती। अभिमन्यु इसे समझता है, लेकिन उसे उम्मीद है कि एक दिन रानी उसे प्यार करने लगेगी।
इसी बीच, पूनम ऋषु के करीब आने की कोशिश करती है, लेकिन ऋषु उससे दूर रहने की कोशिश करता है। एक दिन रानी पूनम को ऋषु के साथ देख लेती है और उससे नाराज होकर घर आ जाती है। नशे की हालत में वह अभिमन्यु से अपने दिल की सारी बातें बता देती है, जिसमें वह अनजाने में बता देती है कि ऋषु अभी भी जिंदा है।
अगली सुबह, अभिमन्यु रानी से कहता है कि वह उसे ऋषु से मिलवाए। वे एक मेले में मिलते हैं, जहां अभिमन्यु कहता है कि वह उनकी थाईलैंड भागने की योजना में मदद करेगा। ऋषु को यह सुनकर अजीब लगता है, लेकिन वह उसकी मदद लेने का फैसला करता है।
अभिमन्यु ऋषु को एक क्लिनिक में छुपा देता है और कहता है कि दो दिनों के बाद वह उनके पासपोर्ट और टिकट का इंतजाम कर देगा।
लेकिन जैसे ही अभिमन्यु वहां से जाता है, पूनम वहां पहुंच जाती है। उसे सब कुछ पता चल चुका था, लेकिन वह पुलिस को कुछ नहीं बताती, क्योंकि वह ऋषु से प्यार करती है और उसे पाने की उम्मीद में है।
फिर, एक रात अभिमन्यु ऋषु के पास खाना लेकर आता है और बातचीत के दौरान ऋषु को एहसास होता है कि अभिमन्यु सही व्यक्ति नहीं है। ऋषु उस पर हमला करने की कोशिश करता है, लेकिन अभिमन्यु उसे एक भारी चीज से मारकर वहां से भाग जाता है।
वह रानी को यमुना नदी के किनारे ले जाता है और उसे बताता है कि उसने अपने परिवार को भी नहीं छोड़ा और वे लोग जो उसे धोखा देते हैं, वह उन्हें कभी माफ नहीं करता।
इस बीच, ऋषु उस जगह से भाग निकलता है और अभिमन्यु के घर में दिनेश पंडित की किताबों का बड़ा कलेक्शन देखता है, जिससे उसे पता चलता है कि अभिमन्यु भी एक पागल है। अभिमन्यु रानी को चोट पहुंचाता है, और रानी पुलिस स्टेशन पहुंचकर बताती है कि उसका पति उसे मारने वाला है।
कहानी के अंत में, पुलिस को यमुना नदी के तट पर दो जली हुई लाशें मिलती हैं, जो शायद ऋषु और अभिमन्यु की होती हैं। रानी को लाशों की पहचान के लिए बुलाया जाता है, लेकिन लाशें इतनी बुरी तरह से जली होती हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल होता है।
इस तरह, यह कहानी हमें प्यार, जुनून, और धोखे के अनगिनत रंगों से रूबरू कराती है।
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