Crime story : प्रमोशन के लिए बॉस ने अपनी पत्नी के साथ किया ऐसा समझौता, जिसे जानकर रूह कांप जाएगी
दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि वेस्टर्न कल्चर को अंधा धुंध अपनाना हमें कहां ले जा रहा है मेट्रो सिटीज में तेजी से बदलती मानसिकता ने सोच की सीमाएं पार कर दी हैं आज की युवा पीढ़ी खासकर मेट्रो सिटीज में सफलता और करियर की ऊंचाइयों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है हां आप सही सुन रहे हैं किसी भी हद तक सफलता की भूख में लोग अजीब अजीब काम करने लगते हैं कोई रातों-रात बड़ा आदमी बनने के लिए किसी के साथ सोने को तैयार है तो कोई अपनी पत्नी को किसी और के साथ भेजने में भी नहीं हिचकिचाना लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किया जाता है
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इस अंधी दौड़ का अंजाम क्या होता है कभी-कभी इसका अंजाम इतना भयानक होता है कि उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती और पछताने से कुछ नहीं होता इसलिए artical के अंत तक बने रहिए क्योंकि क्या हुआ आप सुनकर हैरान रह जाएंगे नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है क्राइम स्टोरी khaberindia.com पर आज मैं आपके सामने एक सच्ची घटना लेकर आया हूं दोस्तों कहानी गुजरात से शुरू होती है और नोएडा में जाकर खत्म होती है
चलिए कहानी को आगे बढ़ाते हैं गुजरात का एक छोटा सा शहर जामनगर, जामनगर में एक बैंक में कार्यरत बैंक मैनेजर राजेश पटेल साहब का छोटा सा परिवार था परिवार में खुद राजेश पटेल उनकी पत्नी और उनकी एक बेटी पूजा थी पूजा बहुत ही खूबसूरत थी भगवान ने उसे रूप और सौंदर्य दोनों हाथों से लुटाया था उसने हाल ही में 12वीं पास की थी और अब वह फर्स्ट ईयर कॉलेज में एडमिशन लेने वाली थी दोस्तों पूजा जितनी खूबसूरत थी स्वभाव से भी उतनी ही खुश मिजाज और मिलनसार थी जो भी व्यक्ति उससे एक बार मिल लेता वह उसकी मोहक का दीवाना हो जाता और जिंदगी भर उसे नहीं भूल पाता |
लेकिन कहते हैं ना भगवान हर किसी को सब कुछ नहीं देता कभी-कभी किसी में कोई कमी रह जाती है और कभी-कभी तो ऐसी कमी होती है कि उसकी सजा उस व्यक्ति को जिंदगी भर भुगतनी पड़ती है ऐसा ही कुछ पूजा के साथ भी हुआ था पूजा को एक बीमारी थी जिसे रात का अंधापन कहा जाता है जी हां दोस्तों जैसे ही शाम ढलती अंधेरा होने के बाद उसकी आंखों की रोशनी चली जाती और वह रात में कुछ भी नहीं देख पाती थी दिन में वह बाकी इंसानों की तरह सब कुछ देख सकती थी लेकिन अंधेरे में उसकी आंखों की रोशनी खत्म हो जाती थी यह बीमारी लाइलाज थी और इसका कोई इलाज नहीं था यह नेचुरल था और उसके जीवन भर उसे इस बीमारी के साथ ही जीना था
इस बात को लेकर उसके मां-बाप बेहद दुखी रहते थे पूजा को भी इस गम का एहसास था लेकिन उसने इसे अपनी जिंदगी पर हावी नहीं होने दिया वह अपनी जिंदगी को खुलकर और दिल से जीती थी हां कुछ बातों का उसे ध्यान रखना पड़ता था जैसे कि शाम 6:00 बजे के बाद वह कभी घर से बाहर नहीं रहती थी चाहे कितनी भी अर्जेंट स्थिति हो वह हमेशा शाम से पहले घर लौट आती थी दोस्तों पूजा के माता-पिता को जानने वाले लोग पीठ पीछे यह कहते थे कि उन्होंने अपनी बेटी पर कितनी पाबंदियां लगा रखी हैं
लेकिन वे बेचारे अपने दुख को किसी से नहीं बांट सकते थे क्योंकि यह राज केवल पूजा और उसके माता-पिता तक ही सीमित था खैर कहानी आगे बढ़ती है पूजा ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया और उसके साथ उसकी दो सहेलियां भी कॉलेज पहुंच गई कॉलेज में नए-नए स्टूडेंट्स मिलने लगे और कॉलेज की जिंदगी शुरू हो गई उसी कॉलेज में पूजा की तरह एक और नया एडमिशन आया था उसका नाम समर्थ है
जिनकी मुलाकात कॉलेज में होती है समर्थ जो दिखने में हैंडसम और शालीन स्वभाव का था अक्सर पूजा को क्लास में चुपचाप देखा करता था पूजा को इसका एहसास था क्योंकि लड़कियों को यह सिक्स्थ सेंस होता है कि अगर कोई उन्हें देख रहा है तो उन्हें इसका तुरंत पता चल जाता है जब भी पूजा उसे देखती समर्थ तुरंत अपनी नजरें झुका लेता पहले पहले पूजा को यह थोड़ा अजीब लगा लेकिन धीरे-धीरे यह उसकी आदत बन गई समर्थ की यह शर्मीली हरकतें पूजा के चेहरे पर मुस्कान ला देती मगर उसने कभी पूजा से बात कर ने की हिम्मत नहीं की पूजा भी समझ चुकी थी कि समर्थ उसे पसंद करता है
लेकिन वह पहल नहीं कर पाती थी वह चाहती थी कि समर्थ कुछ कहे लेकिन समर्थ में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह अपने दिल की बात कह सके, दिन इसी तरह गुजरते गए फिर एक दिन जब कॉलेज की छुट्टी हुई तो पूजा बस से घर लौट रही थी उसकी सहेलियां उस दिन कॉलेज नहीं आई थी इसलिए वह अकेली थी बस में भीड़ ज्यादा थी और पूजा को खड़े-खड़े ही सफर करना पड़ रहा था तभी उसे अचानक एहसास हुआ कि कोई उसके पीठ पर हाथ फेर रहा है जब उसने पलट कर देखा तो कुछ मवाली टाइप के लड़के उसके पीछे खड़े थे जिनमें से एक ने यह हरकत की थी पूजा का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और उसने तुरंत उस लड़के के गाल पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया|
लड़के को यह उम्मीद नहीं थी कि पूजा ऐसा रिएक्शन देगी गुस्से में वह लड़का पूजा के बाल पकड़ लेता है और धमकी देता है कि उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा बस में बैठे कुछ यात्री इस बदसलूकी का विरोध करने के लिए उठे लेकिन जब लड़कों में से एक ने चाकू निकाल लिया तो वे वापस बैठ गए, अब पूजा भी डर गई थी क्योंकि उसे समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या होगा जब वह लड़का पूजा के बाल पकड़कर उसे जबरदस्ती किस करने की कोशिश करता है
तभी एक जोरदार मुक्का आकर उसके चेहरे पर लगता है और वह लड़का दूर जा गिरता है पूजा घबराकर गिरने को हुई लेकिन उसने खुद को संभाल लिया जब उसने अपनी आंखें खोली तो वहां समर्थ खड़ा था उसे देखकर पूजा की जान में जान आई लड़के पर हमला होते देख उसके दोनों साथी समर्थ पर हमला करने के लिए आगे बढ़े लेकिन समर्थ ने उनके भी मुंह पर जोरदार मुक्के जड़ दिए समर्थ की हिम्मत देखकर बस में बैठे अन्य यात्री भी खड़े हो गए |
स्थिति बिगड़ती देख वह तीनों लड़के चलती बस से कूद कर भाग गए पूजा जो अब तक डरी हुई थी समर्थ को देख रोने लगी और दौड़कर उसके सीने से लग गई समर्थ ने उसके सर पर हाथ रखकर कहा घबराओ मत पूजा मैं हूं ना अब कुछ नहीं होगा पूजा का स्टॉप आ गया और वह घर चली गई अगले दिन जब पूजा कॉलेज पहुंची तो उसकी नजरें सिर्फ समर्थ को ढूंढ रही थी
समर्थ जब आया तो हमेशा की तरह चुपचाप अपनी बेंच पर बैठ गया और चोरी छिपे पूजा को देखने लगा लेकिन आज पूजा को उसकी इस हरकत पर गुस्सा आ रहा था वह उठी और समर्थ के डेस्क के पास जाकर खड़ी हो गई गुस्से में उसने पूछा तुम क्या देख रहे थे बताओ मुझे समर्थ सकपका गया और बोला नहीं कुछ नहीं मैं बस ऐसे ही देख रहा था पूजा की हंसी छूट गई और वह वापस जाने लगी तभी समर्थ ने उसका हाथ पकड़ लिया |
एक ही सांस में उसने कहा पूजा मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और तुमसे शादी करना चाहता हूं पूजा बुत स खड़ी रही समर्थ को देखती रही उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दे वह अपना हाथ छुड़ाकर वहां से चली गई घर पहुंचकर उसने किसी से कुछ नहीं कहा लेकिन रात भर उसे नींद नहीं आई उसके दिमाग में केवल समर्थ की बातें घूम रही थी दिल से वह भी समर्थ को चाहती थी और अब तो समर्थ ने parpose भी कर दी थी दोस्तों पूजा के जीवन की सबसे बड़ी समस्या थी उसका एक काला सच जिसे जानने के बाद भी क्या समर्थ उसे अपनाए क्या वह समर्थ को वो सारी खुशियां दे पाएगी जो एक सामान्य लड़की अपने पति को देती है|
पूजा ने ठान लिया था कि वह इस रिश्ते को आगे बढ़ाने से पहले समर्थ को अपने जीवन का सबसे बड़ा और कड़वा सच बता देगी अगले दिन कॉलेज में पूजा ने समर्थ से मिलने का फैसला किया जब वे मिले पूजा ने उसे पास बुलाया और कहा देखो समर्थ मेरी जिंदगी का एक बड़ा सच है जिसे मैं छिपाना नहीं चाहती मैं तुम्हारे जज्बातों से नहीं खेलना चाहती इसलिए मैंने सोचा कि तुम्हें पहले ही सब कुछ बता दूं ताकि बाद में तुम्हारा दिल ना टूटे समर्थ ने पूजा के हाथ अपने हाथों में लेकर कहा पूजा मैं तुमसे प्यार करता हूं और तुम्हारी हर कमी के साथ तुम्हें अपना लगा|
अगर हम शादी के बाद तुम्हारे साथ कुछ ऐसा होता तो क्या मैं तुम्हें छोड़ देता मुझे तुम्हारी इस बात से कोई परेशानी नहीं है तुम जैसी भी हो मुझे पसंद हो और मैं सिर्फ तुमसे ही शादी करूंगा समर्थ की बात सुनकर पूजा की आंखों में आंसू आ गए वह खुश थी कि उसे अपने सपनों का राजकुमार मिल गया था वह घर जाकर अपने माता-पिता को सारी बात बताती है उसके माता-पिता भी बहुत खुश होते हैं क्योंकि उनकी सबसे बड़ी चिंता थी कि उनकी बेटी को इस कमी के साथ कौन अपनाए पूजा ने उनकी यह चिंता भी हल कर दी थी
उसके माता-पिता ने कहा बेटी हम उस लड़के से मिलना चाहेंगे पूजा ने समर्थ को अपने घर बुलाया और उसके माता-पिता से मिलवाया समर्थ उन्हें भी पसंद आया समर्थ का परिवार भी छोटा था सिर्फ उसकी मां थी जो गांव में रहती थी और खेती किसानी करती थी समर्थ शहर में पढ़ाई करने आया था समय बीतता गया और कॉलेज खत्म होने के बाद समर्थ ने नोएडा की एक प्राइवेट company में नौकरी पा ली वह नौकरी के सिलसिले में नोएडा चला गया और वहां सेटल हो गया इसके बाद शादी की बात शुरू हुई पूजा और समर्थ की शादी खुशी-खुशी कर दी गई और वे दोनों नोएडा में एक फ्लैट में शिफ्ट हो गए |
शादी के बाद सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था एक दिन समर्थ ने पूजा से कहा देखो पूजा मेरे बॉस शादी में नहीं आ पाए थे इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें घर पर खाने पर बुलाना चाहिए अगर ऐसा नहीं किया तो शायद वे बुरा मान जाए पूजा ने कहा ठीक है बुला सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि डिनर पर नहीं लंच पर ही बुलाना तुम जानते हो कि शाम को 6:00 बजे के बाद मुझे कुछ दिखाई नहीं देता है इसलिए मुझे बहुत परेशानी होगी समर्थ ने ऑफिस जाकर अपने बॉस से कहा सर आप मेरी शादी में तो आ नहीं पाए थे इसीलिए हम चाहते हैं कि आप अपनी वाइफ के साथ इस संडे लंच पर हमारे घर पधारें|
बॉस ने कहा समर्थ दिन का तो पता नहीं हो सकता तुम्हारी मैडम कहीं बिजी हो सकती है डिनर का रखो ना समर्थ ने बात को संभालते हुए कहा सर हमारे एरिया में बिजली अक्सर चली जाती है और घंटों तक नहीं आती कहीं हमारा program स्पॉइल ना हो जाए इसलिए लंच ही ठीक रहेगा बॉस ने कहा चलो ठीक है लंच ही कर लेते हैं संडे का दिन फिक्स हुआ समर्थ और पूजा ने लंच की पूरी तैयारी की दोपहर के 12:00 बजे समर्थ के फ्लैट की डोर बेल बजी उस वक्त समर्थ बाथरूम में था उसने पूजा से कहा जाओ देखो शायद बॉस आ गए हैं |
पूजा ने दरवाजा खोला और सामने एक कपल खड़ा था वह समझ गई कि यह समर्थ के बॉस और उनकी वाइफ हैं जैसे ही दरवाजा खुला और समर्थ के बॉस की नजर पूजा पर पड़ी तो वह उसे मंत्र मुग्ध होकर देखने लगा उसके मन में गंदे विचार आने लगे क्या किस्मत पाई है समर्थ ने ऐसी सुंदर और सेक्सी बीवी वह पूजा को देखता ही रह गया जब तक उसकी वाइफ ने उसे कुहनी मारी तब तक वह होश में आया समर्थ भी अब तक आ चुका था और उसने अपने बॉस और उनकी वाइफ का स्वागत किया पूजा ने पानी वगैरह लेकर आने के लिए किचन का रुख किया और वे सब बातें करने लगे इसके बाद चाय पानी और नाश्ते का दौर चलता है |
बॉस का दिल दिमाग और नजरें पूरी तरह से पूजा पर ही लगी हुई थी जब पूजा ट्रे लेकर आती और उसे रखने के लिए झुकती तो बॉस खाने वाली नजरों से साड़ी और ब्लाउज के अंदर तक झांकने की कोशिश करता जैसे ही पूजा किचन की ओर वापस जाती उसकी पतली कमर और शरीर के पीछे के भाग पर बॉस की नजरें अटक जाती ऐसा लग रहा था जैसे उसकी नजरें बलात्कार कर रही थी बॉस भूखे कुत्ते की तरह पूजा को देखकर लाड़ टपका रहा था इसके बाद समर्थ और उसके बॉस के बीच पैग लगाने का सिलसिला शुरू होता है |
एक के बाद एक दोनों पैग लगाते रहते हैं और बातें करते रहते हैं अब नशा बॉस के दिमाग पर हावी हो चुका था और वह बातों-बातों में समर्थ से कहता है यार समर्थ क्या किस्मत पाई है तूने क्या सेक्सी बीवी मिली है तुझे तेरी तो मौज ही मौज है जन्नत की सैर करता है तू रोज काश मुझे मिल जाती तो मैं तबाही मचा देता यह सब बातें अपनी पत्नी के लिए सुनकर समर्थ को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता लेकिन बॉस था तो समर्थ बस मुस्कुरा देता है और चुप रह जाता है घड़ी में 4:30 बज चुके थे लेकिन लंच का कोई ठिकाना नहीं था यह दोनों केवल शराब पीते जा रहे थे पूजा समर्थ की तरफ देखती है और समर्थ जब उसे देखता है तो वह इशारे से घड़ी की ओर संकेत करती है समर्थ समझ जाता है कि पूजा कहना चाह रही है कि शाम होने से पहले इनको लंच कराकर रवाना कर दो वरना परेशानी हो जाएगी |
समर्थ अपने बॉस से कहता है सर चलिए अब लंच कर लेते हैं समय भी हो गया है बॉस कहता है हां हां चलो लंच करते हैं लंच के दौरान भी बॉस की नजरें पूजा पर ही टिकी रहती हैं लंच के बाद वे फिर से बैठ जाते हैं और बातचीत का दौर शुरू हो जाता है बॉस वहां से जाने का नाम ही नहीं ले रहा था और पूजा और समर्थ असहज हो रहे थे कि यह लोग कब जाएंगे इस बात को बॉस की पत्नी ने भांप लिया था घड़ी में 5:30 बज चुके थे और समर्थ और पूजा की बेचैनी बढ़ती जा रही थी कि कहीं 6:00 बज गए तो पूजा की दृष्टि पर असर हो सकता है बॉस की पत्नी अपने पति से कहती है चलिए बहुत समय हो गया है अब इन्हें भी आराम करने दीजिए बॉस कहता है हां हां चलो |
दोनों वहां से उठते हैं और निकलने लगते हैं निकलते वक्त भी बॉस की नजरें पूजा पर ही टिकी रहती हैं जब दोनों चले जाते हैं तो समर्थ और पूजा चैन की सांस लेते हैं वापसी में बॉस की पत्नी गाड़ी में कहती है कैसे लोग हैं यह ऐसे लोगों के यहां तुम मुझे लेकर क्यों जाते हो आज के बाद मुझे ऐसे लोगों के घर मत लेकर जाना बॉस कहता है हां मुझे भी कुछ ऐसा ही महसूस हुआ अगला दिन आता है और जब समर्थ ऑफिस पहुंचता है तो वह देखता है कि बॉस का व्यवहार कुछ बदला बदला सा है बॉस का रवैया अब समर्थ के प्रति रूखा और नाराज सा हो गया है दो-चार दिन इसी तरह बीतते हैं और बॉस का व्यवहार और भी रूखा हो जाता है समर्थ को अब अपनी नौकरी की चिंता सताने लगती है वह सोचने लगता है कि कहीं उसने बॉस को लंच पर बुलाकर गलती तो नहीं कर दी कहीं उसकी नौकरी पर आंच ना आ जाए आखिरकार समर्थ फैसला करता है
कि शायद बॉस को सब कुछ सच बता देना ही सही होगा वह बॉस के केबिन में जाता है और बॉस को पूरी सच्चाई बता देता है कि सर ऐसा है कि हमारी स्थिति ऐसी है कि शाम के बाद पूजा को कुछ दिखाई नहीं देता इसीलिए हमने आपको डिनर की बजाय लंच पर बुलाया था जैसे-जैसे शाम नजदीक आ रही थी हमारी बेचैनी बढ़ती जा रही थी शायद इसी वजह से आपको हमारा व्यवहार गलत लगा हो इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं सच्चाई जानकर बॉस हैरान रह जाता है उसे भी समझ में नहीं आता कि वह कैसे प्रतिक्रिया दे वह कहता है चलो जो हुआ सो हुआ कोई बात नहीं समर्थ वहां से चला जाता है
लेकिन बॉस का मन अब अलग ही खुराफात में लगा रहता है वह पूजा के बारे में पागल हो चुका था और किसी भी कीमत पर उसे हासिल करना चाहता था यहां से समर्थ और पूजा की जिंदगी में ऐसा मोड़ आने वाला था जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी एक दिन ऑफिस में बॉस अपने केबिन में बैठकर शराब पी रहा होता है शाम हो जाती है और ऑफिस की छुट्टी हो जाती है सभी कर्मचारी चले जाते हैं समर्थ जब जाने लगता है तो बॉस उसे अपने केबिन में बुलाता है बॉस उसे पैग ऑफर करता है लेकिन समर्थ मना कर देता है बॉस सिप लेते हुए कहता है देखो समर्थ मुझे घुमा फिरा कर बात करने की आदत नहीं है जो कहूंगा साफ-साफ कहूंगा अगर मेरा ऑफर पसंद आए तो स्वीकार करना वरना तुम इसे ठुकरा सकते हो इसके बाद तुम कहीं और नौकरी की तलाश कर सकते हो|
समर्थ एकदम से चौक जाता है उसका दिल जोरों से धड़कने लगता है वह सोचने लगता है कि आखिर बॉस क्या कहने वाला है तभी बॉस कहता है देखो समर्थ तुम्हारी पत्नी पूजा मुझे बहुत सेक्सी लगती है जब से मैंने उसे देखा है मैं चैन से सो नहीं पाया हूं मुझे किसी भी काम में मन नहीं लग रहा हर जगह मुझे केवल तुम्हारी बीवी पूजा ही दिखाई देती है और मैं उसके साथ सेक्स करना चाहता हूं तुम्हें अच्छा लगे या बुरा मैंने जो महसूस किया वही कह दिया अब मेरा ऑफर सुन लो अगर तुम इसे स्वीकार करते हो तो तुम्हें वह सब मिलेगा जो तुम 10 या 20 साल तक भी मेहनत करके नहीं कमा सकते तुम्हें कंपनी की ओर से फ्लैट गाड़ी प्रमोशन और दोगुनी सैलरी मिलेगी और अगर तुम इसे स्वीकार नहीं करते हो तो तुम्हारी बदकिस्मती होगी इसके बाद तुम मेरी कंपनी में काम नहीं कर पाओगे
मैं तुम्हें एक महीने का वक्त देता हूं ताकि तुम अपनी व्यवस्था कर सको बॉस का ऑफर सुनकर समर्थ सखते में आ जाता है उसकी आंखों पर पैसे का पर्दा पड़ चुका था दोस्तों अब उसे प्यार से ज्यादा पैसे की अहमियत दिख रही थी अपने प्यार पूजा के प्यार के बजाय बॉस के ऑफर का भार भारी पड़ गया था वह अपने आप को रोक नहीं पाया और बॉस के ऑफर को स्वीकार कर लिया बॉस उसे कहता है तो डील पक्की समर्थ कुछ सोचता है फिर बॉस से हाथ मिलाकर कहता है हां बॉस डील पक्की उसी पल समर्थ ने पूजा के प्यार को बेच दिया था
एक सौदे की तरह पूजा कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि समर्थ ऐसा कदम उठा सकता है लेकिन कहते हैं ना दोस्तों ,पैसा और तरक्की के लिए लोग अपने जमीर को भी बेच देते हैं ना उन्हें खुद किसी के साथ सोने से गुरेज होता है ना अपनी पत्नी को किसी और के साथ सुलाने से ऐतराज ; अगले दिन रात के 9:00 बजे का समय तय होता है बॉस कहता है कल रात को 9:00 बजे मैं तुम्हारे घर आऊंगा और जैसा प्लान किया है वैसे ही सब कुछ होगा समर्थ कहता है ठीक है सर अगली रात होती है 9:00 बजते हैं समर्थ ने मेन डोर खुला छोड़ दिया था ताकि बॉस को आने में कोई परेशानी ना हो समर्थ आज पूजा से कहता है पूजा आज मूड कुछ अलग है आज तुम उसी तरह से तैयार होना जैसे पहली रात को थी मासूम पूजा जो अपने पति की बात मानकर खुश हो जाती है
उसे नहीं पता कि समर्थ क्या करने जा रहा है वह तैयार होती है दुल्हन की तरह सजती है और बेड पर बैठ जाती है समय होता है रात के 9:00 बजे बॉस अंदर आता है और बेडरूम में प्रवेश करता है समर्थ बेड पर चढ़ता है और पूजा को प्यार करना शुरू करता है उसके कपड़े उतारने लगता है उस समय बॉस सोफे पर बैठा सब कुछ लाइव देख रहा होता है समर्थ पूरी तरह से पूजा को निर्वस्त्र कर देता है फिर बाथरूम जाने का बहाना बनाकर वहां चला जाता है बॉस जिसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए थे समर्थ की जगह उस बेड पर जाता है जहां पूजा निर्वस्त्र पड़ी होती है वह भूखे भेड़िए की तरह पागल कुत्ते की तरह पूजा के साथ संबंध बनाता है उस वक्त पूजा की आंखों से आंसू बह रहे होते हैं लेकिन समर्थ इस बात को नोटिस नहीं करता वह बस प्रमोशन गाड़ी बंगले और पैसे के बारे में सोच रहा होता है
बॉस अपने मन की सारी इच्छाएं पूरी कर लेता है और वहां से निकल जाता है रात बीत जाती है अगले दिन जब समर्थ ऑफिस पहुंचता है तो उसके टेबल पर प्रमोशन लेटर तैयार मिलता है वह खुशी से झूम उठता है लेकिन यह नहीं सोचता कि यह प्रमोशन उसने अपनी मेहनत से नहीं बल्कि अपनी पत्नी को बेचकर हासिल किया है शाम को जब वह घर आता है तो खुशी से पूजा को गोद में उठा लेता है और बताता है मैं बहुत खुश हूं पूजा मेरा प्रमोशन हो गया है पूजा उसे कांग्रेचुलेशन करती है
लेकिन उसके चेहरे पर खुशी नहीं होती वह कमरे में चली जाती है अब तो जैसे यह रोज का ही काम हो गया था हर एक दो दिन की ऐड में बॉस आता और वही सब करता जो पहली बार हुआ था समर्थ हट जाता और बॉस बेड पर जाकर पूजा के साथ संबंध बनाता पूजा की आंखों से आंसू गिरते लेकिन समर्थ कभी उसे नहीं देख पाता था समर्थ को प्रमो मशन मिला गाड़ी मिली और एक आलीशान फ्लैट भी मिला एक महीने के भीतर ही उसने वह सब कुछ हासिल कर लिया था जो लोग सालों की मेहनत के बाद भी नहीं कर पाते एक रात समर्थ और पूजा बेड पर बैठे होते हैं
समर्थ कहता है पूजा देखो मैंने इतने कम समय में वह सब कुछ पा लिया जो लोग सालों की मेहनत के बाद भी नहीं पाते अब मेरे पास सब कुछ है मैं तुम्हें जिंदगी की हर खुशी दूंगा बहुत प्यार करूंगा पूजा बस मुस्कुरा देती है और कहती है मुझे कुछ नहीं चाहिए मैं बहुत खुश हूं कि तुम्हें वह सब कुछ मिल गया जो तुम चाहते थे रात गुजरती है अगले दिन सुबह जब समर्थ ऑफिस चला जाता है तो शाम को घर लौटता है वह डोर बेल बजाता है लेकिन दरवाजा नहीं खुलता उसे लगता है कि शायद पूजा सो रही है
वह अपने बैग से दूसरी चाबी निकालकर दरवाजा खोलता है जैसे ही वह अंदर जाता है उसे जो दृश्य दिखता है वह उसे तोड़कर रख देता है पूजा पंखे से लटकी होती है उसने आत्महत्या कर ली थी समर्थ रोने लगता है चिल्लाता है पूजा पूजा लेकिन पूजा तो मर चुकी होती है वह उसके पास जाकर उसे पकड़ लेता है और रोने लगता है पूजा के हाथ में एक कागज होता है समर्थ उसे उठाता है और पढ़ता है समर्थ मैं तुमसे बहुत प्यार करती थी और जितना प्यार करती थी उससे ज्यादा तुम्हारी इज्जत करती थी तुमने मुझे उस कमी के साथ अपनाया था जिसे शायद कोई और नहीं अपनाता|
मैंने तुम्हें भगवान का दर्जा दिया था लेकिन तुमने जब मुझे अपने प्रमोशन के लिए बेच दिया तो मेरा दिल टूट गया मैं जिंदा तो थी लेकिन मैं उसी दिन मर चुकी थी तुम्हें क्या लगा कि मुझे पता नहीं चलेगा मैं पहली रात को ही जान गई थी कि मेरे साथ जो कुछ कर रहा था वह तुम नहीं थे कोई और था जब लंच पर तुम्हारे बॉस आए थे उनकी परफ्यूम की खुशबू मुझे समझ आ गई थी मैं हर बार चुप रही क्योंकि मैं चाहती थी कि तुम अपनी ख्वाहिशें पूरी कर सको |
अब तुमने सब कुछ पा लिया है इसलिए मैं जा रही हूं अपना ख्याल रखना दोस्तों यही था पूजा का अंतिम संदेश यह कहानी हमें सिखाती है कि इंसान कितना गिर सकता है और किस हद तक चला जाता है लेकिन एक बात याद रखिए हर इंसान ऐसा नहीं होता कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी जान भी लुटा देते हैं कमेंट में बताइए कि आपको-कहानी कैसी लगी मिलते हैं अगली कहानी के साथ जय हिंद