PM Modi Birthday : मोदी 74 साल के हो गए ,यहां बताया गया है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपना जन्मदिन कैसे मनाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगला कदम अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बड़ी हो सकती है। 17 सितंबर का दिन बीजेपी और उसके केंद्रीय सरकार के लिए काफी खास है। इस दिन मोदी 3.0 सरकार के 100 दिन पूरे हो जाते हैं और साथ ही यह नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। 74 वर्ष के हो चुके मोदी सेवानिवृत्ति की उम्र के करीब पहुँच रहे हैं, लेकिन उनके हाथों में सरकार की बागडोर इतनी मजबूत है कि उनके रिटायरमेंट का ख्याल भी किसी के मन में नहीं आता।
वैश्विक मंच पर बढ़ते कदम
लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी अब वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका निभाने की तरफ देख रहे हैं। हाल के वर्षों में रूस, यूक्रेन, और अमेरिका के साथ उनकी विदेश यात्राओं ने साफ तौर पर यह दिखाया है कि वे भारत के विदेश संबंधों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए भी एक ऐसा प्रभाव छोड़ना चाहते हैं जिसे हमेशा याद रखा जाएगा।
घरेलू उपलब्धियों की झलक
देश में, बीजेपी ने मोदी 3.0 के 100 दिनों की उपलब्धियों का एक बुकलेट जारी किया है। यह बुकलेट नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से एक दिन पहले जारी की गई थी, जिसमें लगभग 15 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स का उल्लेख किया गया है, जिन्हें इन 100 दिनों में लॉन्च किया गया है। इसमें किसानों को सालाना 6,000 रुपये की न्यूनतम आय सहायता, मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं, SC/ST, OBC और अल्पसंख्यकों के लिए की गई योजनाओं का भी जिक्र है।
बीजेपी इस बुकलेट के साथ अपने नेता के लिए और अधिक सम्मान जुटाने के लिए तैयार है। मोदी की भारतीय राजनीति में छाप को विरोधी और आलोचक भी नकार नहीं सकते। लेकिन अब उनके सामने एक और बड़ी चुनौती है—वैश्विक राजनीति पर भी उसी स्तर की छाप छोड़ने की।
रूस-यूक्रेन युद्ध और मोदी की भूमिका
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह अवसर आया है। हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना “महान मित्र” कहा था। पुतिन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही और प्रधानमंत्री मोदी को रूस में होने वाले आगामी ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान अलग से मिलने का निमंत्रण दिया।
23 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बातचीत की, जहाँ उन्होंने रूस और यूक्रेन दोनों से अपील की कि वे बिना किसी देरी के बातचीत करें और युद्ध को समाप्त करें। मोदी ने खुद इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान में योगदान देने की इच्छा जताई थी।
अब हाल के दिनों में यह चर्चा बढ़ रही है कि भारत, जिसने रूस और यूक्रेन दोनों के साथ अच्छे संबंध बनाए हुए हैं, शांति वार्ताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
वैश्विक शांति के लिए संभावित भूमिक
प्रधानमंत्री मोदी को विश्व में युद्ध से शांति लाने वाले के रूप में उभरने का मौका मिल सकता है। फिलहाल, सभी की नजरें सितंबर के अंत में होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा पर टिकी हैं, जहाँ “वैश्विक मध्यस्थ” के रूप में उनकी छवि और मजबूत हो सकती है। यदि यह वार्ता प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से शुरू होती है, तो यह उनके जन्मदिन के महीने में उन्हें मिलने वाला सबसे बड़ा उपहार हो सकता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का भविष्य सिर्फ भारतीय राजनीति तक सीमित नहीं है। अब उनका नजरिया और उनके कदम वैश्विक मंच पर भी हैं, जहाँ वे विश्व शांति में योगदान देने के लिए तैयार हैंl
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